शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008

" मैं अयोध्या ::फैजाबाद "

__राम की पैड़ी

[श्री]
मैं अवध-प्रवाह यानि अयोध्या बोल रहा हूँ यह नाम जो अब 'भारत के वास्तविक इतिहास ' अर्थात " "पुराणों" का हिस्सा है | आज आधुनिक इतिहास में मैं जनपद " फैजाबाद' के मुख्य नगर का जुड़वां नगर हूँ | मुझे आज भी अयोध्या ही कहा जाता है | मैंने दशरथ का युग देखा है :
अब इहाँ से आगै हम अपने बारे माँ अपनी भाखा:अवधी: माँ आपन कथा कहब |
जीहाँ ई वही दसरथ राम भरत ,लखन ,शत्रुहन के बाप [दादा] रहीं |

पहिले इ एरिया केर बारे मा जानब जरूरी है | ई जिला फैईजाबाद के सहर जेके नामौ फैईजाबाद है , ई सहर लखनऊ जौन उतर परदेश के राजधानी हैई उसे १३० किलोमीटर पूरब बा ,पहिलैइमा आज कै अम्बेडकर नगरौ अकबर पुर कै नाम से मिला रहा १९९५ मा ओकरा तब कै मुख मनतरी माया वती जिला फैईजाबाद से काट कै नवा जिला बनाये दिहिन ,उकरे बदले मां बाराबंकी कै रुदौली तहसील का एमा जोड़ दिहिन 'गदा लैईके झुनझुना थमाए दिहिन ; खैर ईसब तो राजनीत के खेला बा | जिला फैईजाबाद कमिसनारियो बा |

सहर फैईज़बाद का बंगाल कै नवाब अलीवर्दी खां {१६७६-१७५६} बसाइन रहा असल मां अवध कै दूसर नवाब ईसवी संवत १७३० मा सादात खां एका बसाइन रहा ; एसे पहिले इहाँ के सहर तीरथ-राज अजोधा [अयोध्या] रहा ,अब अजुधा सहर [शहर ] फैईज़ाबाद से छः किलो मीटर पूरब उतर पड़त है

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