शुक्रवार, 30 जनवरी 2009

" आपन जिल्ला फईजाबाद "

" गुरुद्वारा "ब्रह्मकुण्ड"
अबकी हम आपका फईजाबाद कै बारे मा कुछे औरो जनकरियो देत हई ....
जिल्ला फईजाबाद मा पांच ठो ' तहसील ' - सदर ,-बीकापुर ,- मिल्कीपुर ,-सोहावल , - रुदौली , औउर
गियारा[ग्यारा=११] बिलाक [विकास खण्ड]
- माया-बाज़ार, - पूरा-बाज़ार ,-तारून, - हरन्ग्टीन गंज ,-मिल्कीपुर ,-बीकापुर, -मसौधा, -सोहावल, -अमानीगंज [खंडासा], १०- रुदौली, ११- मवई , बाटे
लखनौउ बिधानसभा के नईकी हदबंदी [परिसीमन] मा जिल्ला फईज़ाबाद पांच एमेले सीट मा बटिबा
; निचुआ देखा लिस्ट बनी बाटी ::---
क्रमांकनाम-विधानसभा[वि०स०]वि०स०पहचान-नंबरकुलमरद-वोटर[म०वो०] कुल मेहरारू-वोटर[मे०वो०]कुलै के जोड़[वि०स०में कुलैवो०]
1रुदौली२७११४२३१८१२५६८४२६८००२
2.मिल्कीपुर[सुरक्षितअ०जाति]
२७३
१५९७२४१४१४३३०११५४
3.बीकापुर२७४ १६६९७११४७०३८३१४००९
4.अयोध्या२७५१६५७७३१४००४३३०५८१६
5.गोसांईगंज२७६१७५०१३१५३५८४३२८५९७
6जिल्ला फईजाबाद के पांचौ वि०स०मा कुलैवोटरन कै जोड़ ८०९७९९७०७७७९१५१७५७८

ऊपर दिहिन सभै गिन्तिया आखिरी नाही बाटे एहमन बदलाव हुई सकत है
जिल्ला मा दुई ठो इनवरसिटी .- राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय ,जौन सहर के दक्खिन ,सहर से निकसते है , . दुसरकी, आचार्य नरेंदर देव किरसी विस्विदयालय ,सहर के दक्खिनै ४२ किलोमीटर दूर 'कुमारगंज' मा बाटे |
''पंचन का ऐसे जनकारी चिटठा ''अवध-प्रवास'' पै मिलत रहियै ''


Comments :

5 टिप्पणियाँ to “" आपन जिल्ला फईजाबाद "”

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…
on 

पंचन से निबेदन बाटे कि एमेले सीट '' कर्मांक ३.- बीकापुर के पहिचान न० २७४ पढैं ''

आलोक सिंह ने कहा…
on 

फैजाबाद के बारे में लिखने बाटे त् अयोध्या जी काहे छोड़ देहलें बाटे, दुनिया में फैजाबाद के केहू जाने चाहे न जाने पर अयोध्या जी के सबही जाने ला .

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…
on 

होए सकत बा कि वोटरन वाला चारट '' मोजिल्ला-फायरफॉक्स '' मा नीकै से न लउके ,तो '' इंटरनेट-एक्सप्लोरर '' औउर ''गूगल-क्रोम '' का इस्तिमाल करैं |

आलोक सिंह ने कहा…
on 

प्रणाम
बहुत दिना से आपके कौउनो रचना नही पढेके मिलेस का बात बा ,काहे कुछ लिखत नाही हैं .

प्रणाम पर्यटन ने कहा…
on 

bhai tripathi ji kaya likha hae aapne,
avadhi ki bat hi nirali hae.avadhi hi to vah bhasa hae jise duniya janti hae,goswami tulasi das nae sri ram charit manas jo likha hae.
aap ne to apani mati ki yad dila di,dhanyavad.is mahine ajudhaya ja raha hun
bahut dino ke bad jana ho raha hae.

 

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